Wednesday, 24 October 2007
बिजली की आँख मिचौली
उर्जा मंत्री बिहार , के गगनभेदी आश्वाशन की, बेगुसराय में छात्रों के लिए शाम छः से दस बजे रात्री तक हर हाल में बिजली दी जायेगी किन्तु यह आश्वाशन दपोर्शंखी साबित हुआ।यह कैसी विडंबना है की जहाँ बिजली उत्पादन होता है उस जिले को बिजली का रोना रोना परता है । भले ही बेगुसराय के लोग तमाम आधुनिक सुविधाओं को जुटाने की क्षमता रखते हों , किन्तु उनका यह शौक बिन बिजली सब सुन रहता है। हमारे संसद जो सिर्फ वोट के यार हैं , काहे को ध्यान देंगे की काम से कम आधे दिन की भी बिजली बेगुसराय को मिले। शहर में बहुत सायबर कैफे हैं किन्तु सब बिजली का ही रोना रोते हैं । यहाँ की जनता को अब इंतजार छोर क्रांति की राह चुनना होगा क्योंकि इसके बिना कम नहीं होने वाला । ऐसा करना गलत भी नहीं होगा क्योंकि सारा आश्वासन फेल हो चुका है।
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